Heart attack : बाथरूम में हार्ट अटैक आने के मामलों की बढ़ती संख्या ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे समझना और इससे बचाव के उपाय जानना आवश्यक है। इस लेख में हम जानेंगे कि बाथरूम में हार्ट अटैक क्यों आते हैं, इसके कारण और इससे बचने के उपाय।
बाथरूम में Heart attack का खतरा
डॉक्टर नित्यानंद त्रिपाठी के अनुसार, लोग औसतन अपने दिन का 30 मिनट या 2 प्रतिशत समय बाथरूम में बिताते हैं। हालांकि, बाथरूम वह स्थान है जहाँ हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का खतरा 8 से 11 प्रतिशत तक होता है। यह स्थिति इसलिए गंभीर होती है क्योंकि बाथरूम एक निजी स्थान है, और यहाँ होने वाली आपात स्थिति का पता देर से चलता है, जिससे परिणाम भी खराब हो सकते हैं।
Heart attack और कार्डियक अरेस्ट के बीच अंतर
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय के किसी हिस्से को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिका में अचानक थक्का बन जाता है, जिससे उस हिस्से को ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं मिल पाता। दूसरी ओर, कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय धड़कना बंद कर देता है, जिससे शरीर के अन्य अंगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता।
बाथरूम में हार्ट अटैक के कारण
- प्रेशर लगाना: जब लोग शौच करते हैं, तो अक्सर अधिक जोर लगाते हैं। यह प्रक्रिया रक्तचाप को अचानक बढ़ा सकती है, जिससे दिल पर दबाव पड़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
- वातावरण का तापमान: बाथरूम का तापमान अक्सर घर के अन्य कमरों की तुलना में ठंडा होता है। ठंडे वातावरण में शरीर को तापमान संतुलित करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जो दिल पर तनाव डाल सकता है.
- नहाना: गर्म या ठंडे पानी से नहाना भी हृदय गति और रक्तचाप को प्रभावित कर सकता है। अचानक तापमान परिवर्तन से दिल की धड़कन असंतुलित हो सकती है.
- तनाव और चिंता: बाथरूम में जाने पर कुछ लोगों को मानसिक तनाव महसूस होता है, जो हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
- डिप्रेशन: यदि कोई व्यक्ति बीमार महसूस कर रहा हो या मतली/उल्टी की स्थिति में हो, तो बाथरूम जाने पर गिरने या बेहोश होने का खतरा बढ़ जाता है.
बचाव के उपाय
– जोर न लगाएं: शौच करते समय अधिक जोर लगाने से बचें। आराम से बैठें और धीरे-धीरे राहत प्राप्त करें।
– सही तापमान का पानी: नहाते समय बहुत गर्म या बहुत ठंडा पानी इस्तेमाल करने से बचें। पहले पैरों या कंधे पर पानी डालें और धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ें.
– ठंडे वातावरण से बचें: खासकर सर्दियों में बाथरूम में ठंडे वातावरण से दूर रहें। यह दिल के दौरे को ट्रिगर कर सकता है.
– सुरक्षा उपाय: यदि आपको पहले दिल की समस्याएं रही हैं, तो बाथरूम का दरवाजा बंद न करें। अलार्म सिस्टम रखें ताकि जरूरत पड़ने पर मदद मिल सके.
– स्वास्थ्य की जानकारी: अपने परिवार वालों को अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में बताएं ताकि वे आपात स्थिति में आपकी मदद कर सकें.
बाथरूम में हार्ट अटैक आने के कई कारण हो सकते हैं। उचित जानकारी और सावधानियों के माध्यम से हम इन खतरों को कम कर सकते हैं। अगर आप किसी भी स्वास्थ्य समस्या का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।