डॉक्टर मनमोहन सिंह, जो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री रहे हैं, अपनी विशेष नीली पगड़ी के लिए जाने जाते थे। यह पगड़ी न केवल उनके व्यक्तित्व का एक हिस्सा थी, बल्कि इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी भी है।
नीली पगड़ी का महत्व
नीले रंग का चयन: मनमोहन सिंह ने खुद बताया था कि उन्होंने जब कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई की, तब से उन्होंने इस नीले रंग की पगड़ी पहनना शुरू किया। उनके दोस्तों ने उन्हें “ब्लू टर्बन” का उपनाम दिया था, जो इस पगड़ी के लिए एक प्रकार का प्रेम था।
कैम्ब्रिज का रंग: नीला रंग कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का आधिकारिक रंग है, और मनमोहन सिंह ने इस रंग को अपने साथ जोड़कर रखा। यह उनकी शिक्षा और उस संस्थान के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।
व्यक्तिगत पसंद
पसंदीदा रंग: मनमोहन सिंह ने यह भी साझा किया कि नीला रंग उनका पसंदीदा रंग है। यह उनकी व्यक्तिगत पहचान को भी दर्शाता है, जो उन्हें एक अलग पहचान देने में मदद करता था।
सांस्कृतिक प्रतीक
भारतीय संस्कृति में पगड़ी का महत्व: भारत में पगड़ी पहनने की परंपरा गहरी है और यह सम्मान, प्रतिष्ठा और पहचान का प्रतीक मानी जाती है। मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी ने उन्हें एक सम्मानित नेता के रूप में स्थापित किया, जो भारतीय राजनीति में अपनी विशिष्टता बनाए रखने में सफल रहे।
राजनीतिक यात्रा
मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार हुए, जिनमें आर्थिक उदारीकरण और सूचना के अधिकार जैसे कानून शामिल हैं। उनकी पगड़ी ने उन्हें एक स्थिर और गंभीर नेता के रूप में प्रस्तुत किया।
मनमोहन सिंह की नीली पगड़ी केवल एक फैशन स्टेटमेंट नहीं थी, बल्कि यह उनके जीवन की कहानी, उनकी शिक्षा और उनके व्यक्तित्व का प्रतीक थी। उनकी इस विशेषता ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक पहचान दी।