लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) एक महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षण है, जो लिवर की सेहत और कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। यह रक्त परीक्षण लिवर में मौजूद विभिन्न एंजाइमों, प्रोटीनों और बिलीरुबिन के स्तर को मापता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि लिवर फंक्शन टेस्ट कब और किसे करवाना चाहिए।
लिवर फंक्शन टेस्ट की आवश्यकता
लिवर फंक्शन टेस्ट की आवश्यकता कई कारणों से हो सकती है। इनमें शामिल हैं:
- लिवर रोग के लक्षण: यदि किसी व्यक्ति में लिवर रोग के लक्षण जैसे कि पीला त्वचा (जॉन्डिस), थकान, भूख में कमी, उल्टी, या पेट में सूजन हो, तो डॉक्टर इस परीक्षण की सिफारिश कर सकते हैं।
- परिवार का इतिहास: यदि परिवार में किसी को लिवर रोग है, तो ऐसे व्यक्तियों को भी नियमित रूप से लिवर फंक्शन टेस्ट करवाना चाहिए।
- अत्यधिक शराब का सेवन: जो लोग शराब का अधिक सेवन करते हैं, उन्हें अपने लिवर की सेहत की जांच के लिए यह परीक्षण कराना चाहिए।
- दवाओं के दुष्प्रभाव: कुछ दवाएं, जैसे कि एनएसएआईडी (NSAIDs), स्टैटिन्स और एंटीबायोटिक्स, लिवर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। यदि कोई व्यक्ति ऐसी दवाएं ले रहा है, तो उसे नियमित रूप से लिवर फंक्शन टेस्ट करवाना चाहिए।
- मौजूदा चिकित्सा स्थितियाँ: उच्च ट्राइग्लिसराइड्स, मधुमेह, उच्च रक्तचाप या एनीमिया जैसी स्थितियों वाले व्यक्तियों को भी इस परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है।
लिवर फंक्शन टेस्ट कैसे किया जाता है?
लिवर फंक्शन टेस्ट एक सरल रक्त परीक्षण है। इसमें निम्नलिखित प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं:
– खून का नमूना लेना: डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी एक पतली सुई का उपयोग करके आपकी भुजा से रक्त का एक छोटा सा नमूना लेते हैं। यह प्रक्रिया सामान्यतः थोड़ी सी चुभन के साथ होती है।
– नमूने का विश्लेषण: खून का नमूना एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है जहां विभिन्न एंजाइमों और प्रोटीनों के स्तर की जांच की जाती है।
– परिणामों की व्याख्या: परिणाम आमतौर पर कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों के भीतर प्राप्त होते हैं। डॉक्टर इन परिणामों को देखकर यह निर्धारित कर सकते हैं कि क्या कोई समस्या है और आगे की जांच की आवश्यकता है या नहीं।
कब करवाना चाहिए लिवर फंक्शन टेस्ट?
लिवर फंक्शन टेस्ट करवाने का सही समय निम्नलिखित स्थितियों में होता है:
– जब आपको लिवर रोग के लक्षण महसूस हों।
– यदि आप शराब का अधिक सेवन करते हैं या आपके परिवार में लिवर रोग का इतिहास हो।
– जब आप ऐसी दवाएं ले रहे हों जो लिवर पर प्रभाव डाल सकती हैं।
– यदि आपके पास अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हों जैसे कि उच्च रक्तचाप या मधुमेह।
लिवर फंक्शन टेस्ट एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो लिवर की सेहत को समझने में मदद करता है। यदि आप उपरोक्त किसी भी स्थिति में हैं, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आवश्यकतानुसार इस परीक्षण को करवाने पर विचार करें। नियमित जांच से संभावित समस्याओं को समय पर पहचाना जा सकता है और उचित उपचार किया जा सकता है।