भारतीय बिजनेस जगत में कई ऐसे टाइकून हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की ऊंचाइयों को छुआ है। आज हम देखेंगे कि ये टाइकून अपने जवानी के दिनों में कैसे दिखते थे और उनकी यात्रा कैसे शुरू हुई।
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आनंद महिंद्रा

आनंद महिंद्रा, महिंद्रा समूह के अध्यक्ष, का जन्म 1 मई 1955 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से प्राप्त की। युवा अवस्था में, आनंद ने अपने पिता के व्यवसाय में कदम रखा और धीरे-धीरे इसे एक वैश्विक ब्रांड में बदल दिया। उनकी दृष्टि और नेतृत्व क्षमता ने महिंद्रा को एक प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता बना दिया।
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रतन टाटा

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कैम्पियन स्कूल और कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में स्नातक की डिग्री हासिल की। रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत Tata Group में की और धीरे-धीरे इसे एक बहुराष्ट्रीय कंपनी बना दिया। उनकी युवा तस्वीरें दिखाती हैं कि वे हमेशा एक स्मार्ट और आत्मविश्वासी व्यक्तित्व के मालिक रहे हैं।
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मुकेश अंबानी

मुकेश अंबानी, जो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष हैं, का जन्म 19 अप्रैल 1957 को अदन, यमन में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय से की और फिर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से MBA किया। मुकेश ने अपने पिता धीरूभाई अंबानी के व्यवसाय को आगे बढ़ाते हुए इसे एक विश्वस्तरीय कंपनी बना दिया। उनके युवा दिनों की तस्वीरें उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाती हैं।
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नंदन नीलेकणी

नंदन नीलेकणी, जो कि इन्फोसिस के सह-संस्थापक हैं, का जन्म 2 जून 1955 को बेंगलुरु में हुआ था। उन्होंने IIT खड़गपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। नंदन ने इन्फोसिस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय IT उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी युवा तस्वीरों में एक उत्साही और महत्वाकांक्षी युवा नजर आता है।
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शिव नादर

शिव नादर, HCL टेक्नोलॉजीज के संस्थापक, का जन्म 14 जुलाई 1945 को तामिलनाडु में हुआ था। उन्होंने PSG कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। शिव ने HCL की स्थापना 1976 में की थी और इसे एक प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनी बना दिया। उनके युवा दिनों की तस्वीरें उनकी नवाचार की भावना को दर्शाती हैं।
इन सभी बिजनेस टाइकूनों ने न केवल अपने क्षेत्र में सफलता हासिल की है बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा दी है। उनकी यात्रा प्रेरणादायक है और यह दर्शाती है कि मेहनत, समर्पण और दृष्टि के साथ कुछ भी संभव है।