फैटी लिवर(Fatty liver) रोग, जिसे नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) भी कहा जाता है, भारत में तेजी से बढ़ रहा है। यह समस्या अब एक महामारी का रूप ले चुकी है, जिसमें हर तीन में से एक वयस्क इस बीमारी से प्रभावित है। इस लेख में हम फैटी लिवर के कारण, लक्षण, और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
Fatty liver के कारण
फैटी लिवर का मुख्य कारण खराब जीवनशैली और खान-पान है। इसके प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
– मोटापा: अधिक वजन वाले लोगों में फैटी लिवर की समस्या अधिक होती है।
– अस्वस्थ आहार: अधिक वसा, चीनी और नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन।
– शारीरिक गतिविधियों की कमी: व्यायाम न करने से शरीर में वसा जमा होती है।
– तनाव: मानसिक तनाव भी इस बीमारी को बढ़ा सकता है।
Fatty liver के लक्षण
फैटी लिवर के लक्षण अक्सर स्पष्ट नहीं होते हैं, लेकिन कुछ सामान्य संकेत हैं:
– थकान: लगातार थकान महसूस होना।
– पेट में दर्द: पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द।
– भूख कम होना: खाने की इच्छा में कमी।
– वजन घटना: अचानक वजन कम होना।
– पीला रंग: आंखों और त्वचा का पीला होना।
फैटी लिवर से बचने के उपाय
फैटी लिवर से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- संतुलित आहार: फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज का सेवन करें।
- चीनी और नमक का सेवन कम करें: प्रोसेस्ड फूड्स से दूर रहें।
- नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें।
- तनाव प्रबंधन: योग और ध्यान जैसी तकनीकों का उपयोग करें।
- पर्याप्त नींद लें: 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
- हाइड्रेशन: पर्याप्त पानी पिएं, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहे।
- शराब का सेवन सीमित करें: शराब का सेवन न करने से लीवर स्वस्थ रहता है।
- नियमित स्वास्थ्य जांच: डॉक्टर से नियमित जांच कराएं ताकि समस्या जल्दी पहचान सकें।
- वजन नियंत्रण: अपने वजन को नियंत्रित रखें और आवश्यकता होने पर वजन घटाने की योजना बनाएं।
- स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्राप्त करें: फैटी लिवर के बारे में जागरूकता बढ़ाएं।
फैटी लिवर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जो अन्य बीमारियों जैसे मधुमेह और दिल की बीमारियों को जन्म दे सकती है। इसलिए, इसे हल्के में लेना उचित नहीं है। सही खान-पान और जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।