भारतीय करेंसी पर महात्मा गांधी की तस्वीर का इतिहास बहुत ही दिलचस्प है। जब भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की, तब इसकी मुद्रा पर पहले ब्रिटिश साम्राज्य के प्रतीक और चित्र थे। आइए जानते हैं कि महात्मा गांधी से पहले भारतीय करेंसी पर किसकी तस्वीर थी और कैसे यह परिवर्तन हुआ।
भारतीय करेंसी का प्रारंभिक इतिहास
भारत में स्वतंत्रता के बाद, 15 अगस्त 1947 को देश ने ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाई। हालांकि, तब तक भारतीय मुद्रा पर ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम की तस्वीर छपी हुई थी। जॉर्ज पंचम के चित्र के साथ भारतीय करेंसी का चलन जारी रहा, जो कि एक प्रकार से उपनिवेशी शासन की पहचान था।
जॉर्ज पंचम की तस्वीर
जॉर्ज पंचम का चित्र भारतीय करेंसी पर लंबे समय तक रहा। यह तस्वीर उस समय की थी जब भारत में मुद्रा की गणना 16 आनों में होती थी। इस समय, रुपये का मूल्य 100 पैसों में बदला गया था। जॉर्ज पंचम की तस्वीर ने भारतीय जनता को यह याद दिलाया कि वे अभी भी एक उपनिवेशी शासन के अधीन थे।
अशोक स्तंभ का आगमन
1949 में, भारतीय सरकार ने निर्णय लिया कि जॉर्ज पंचम की तस्वीर को हटाकर भारतीय संस्कृति और विरासत के प्रतीक को मुद्रा पर स्थान दिया जाए। इसके परिणामस्वरूप, अशोक स्तंभ की तस्वीर को भारतीय करेंसी पर जगह दी गई। अशोक स्तंभ, जो सारनाथ में स्थित है, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और इसे राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
अशोक स्तंभ की विशेषताएँ
अशोक स्तंभ की तस्वीर को मुद्रा पर छापने का निर्णय इस बात को दर्शाता है कि स्वतंत्र भारत अपनी पहचान और संस्कृति को महत्व दे रहा था। यह निर्णय न केवल एक प्रतीकात्मक परिवर्तन था, बल्कि यह स्वतंत्रता के बाद भारत के नए दृष्टिकोण को भी दर्शाता था।
महात्मा गांधी का आगमन
महात्मा गांधी की तस्वीर पहली बार 2 अक्टूबर 1969 को उनके जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर 100 रुपये के नोट पर छापी गई। इस नोट पर गांधी जी को सेवाग्राम आश्रम में बैठे हुए दिखाया गया था। यह एक महत्वपूर्ण क्षण था क्योंकि इससे स्पष्ट हुआ कि अब भारतीय करेंसी पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का चेहरा होगा।
गांधी जी का चित्रण
महात्मा गांधी का चित्रण भारतीय मुद्रा पर एक नई पहचान लेकर आया। उनकी मुस्कान और सरलता ने उन्हें आम जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया और उनके विचारों को भी फैलाने में मदद मिली। इसके बाद, 1987 में 500 रुपये के नोट पर भी उनकी मुस्कान वाली तस्वीर छपी, जो आज तक हर मूल्य वर्ग के नोटों पर बनी हुई है।
महात्मा गांधी से पहले भारतीय करेंसी पर जॉर्ज पंचम और बाद में अशोक स्तंभ की तस्वीरें थीं। लेकिन जब महात्मा गांधी की तस्वीर आई, तो उसने न केवल मुद्रा को नया रूप दिया, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारत अब अपनी पहचान और स्वतंत्रता के प्रतीकों को अपनाने लगा है। आज भी महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय करेंसी का अभिन्न हिस्सा है और यह उनकी महानता और योगदान को याद दिलाती है।