पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में हुआ। उनके निधन के बाद, उनके परिवार के सदस्यों को मिलने वाली पेंशन और सुविधाओं के बारे में जानना महत्वपूर्ण है।
मनमोहन सिंह की पेंशन
डॉ. मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद हर महीने 20,000 रुपये की पेंशन मिलती थी। यह राशि उन्हें उनके पूर्व प्रधानमंत्री के पद के आधार पर दी जाती थी। उनके निधन के बाद, यह पेंशन उनकी पत्नी गुरशरण कौर को मिलेगी। इसके अलावा, उनकी पत्नी को अन्य सुविधाएं भी मिलती रहेंगी, जैसे कि सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और रेलवे में मुफ्त यात्रा.
परिवार के सदस्यों को मिलने वाली सुविधाएं
मनमोहन सिंह की पत्नी और उनके आश्रितों को निम्नलिखित सुविधाएं मिलेंगी:
– मुफ्त चिकित्सा सुविधा: सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त होगा।
– रेल यात्रा: रेलवे में मुफ्त यात्रा की सुविधा।
– हवाई यात्रा: हवाई जहाज में रियायती दरों पर सफर करने की सुविधा।
– सुरक्षा व्यवस्था: उन्हें सुरक्षा गार्ड और अन्य सुरक्षा सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी.
मनमोहन सिंह की जीवनशैली और सुविधाएं
मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद भी कई सुविधाएं प्राप्त थीं। उन्हें नई दिल्ली में मोतीलाल नेहरू मार्ग पर एक बंगला दिया गया था। इसके अलावा, उन्हें कैबिनेट मंत्री के बराबर की सुविधाएं भी मिलती थीं। इनमें शामिल थे:
– आजीवन मुफ्त आवास: लुटियंस जोन में स्थित आवास।
– फ्री बिजली-पानी: जीवनभर बिजली और पानी की मुफ्त सुविधा।
– हवाई टिकट: प्रति वर्ष छह घरेलू हवाई टिकट।
– फ्री रेल यात्रा: रेलवे में अनलिमिटेड फ्री यात्रा।
– कार्मिक सहायता: पांच साल बाद एक निजी सहायक और एक चपरासी.
मनमोहन सिंह का योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह को भारत के सबसे प्रभावशाली प्रधानमंत्रियों में से एक माना जाता है। उन्होंने 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री का पद संभाला और उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए गए। उनका योगदान विशेष रूप से आर्थिक उदारीकरण, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA), आधार योजना और सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के लिए जाना जाता है.
उनकी विदाई पर देशभर में शोक की लहर है, और उन्हें एक महान नेता के रूप में याद किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को सराहा.
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी पेंशन और सुविधाओं का वितरण उनके परिवार के सदस्यों को मिलने वाली सुरक्षा और समर्थन सुनिश्चित करता है। उनकी विरासत हमेशा भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था पर छाप छोड़ेगी।