पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर देश में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। यह निर्णय उनके योगदान और सेवा को सम्मानित करने के लिए लिया गया है। राष्ट्रीय शोक का अर्थ है कि जब किसी प्रमुख व्यक्ति, जैसे कि पूर्व प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति, का निधन होता है, तो देश शोक में डूब जाता है और इसे आधिकारिक रूप से मान्यता दी जाती है।
राष्ट्रीय शोक क्या होता है?
राष्ट्रीय शोक उस समय की अवधि होती है जब देश किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति की मृत्यु पर शोक मनाता है। यह आमतौर पर तब घोषित किया जाता है जब कोई ऐसा नेता, कलाकार या व्यक्ति, जिसने अपने जीवन में देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया हो, का निधन होता है।
किसे राजकीय शोक दिया जाता है?
राजकीय या राष्ट्रीय शोक की घोषणा आमतौर पर उन व्यक्तियों के लिए की जाती है जिन्होंने अपने जीवनकाल में राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। इसमें वर्तमान और पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य उच्च पदस्थ नेता शामिल होते हैं।
राजकीय शोक की घोषणा कैसे होती है?
पहले, राजकीय शोक की घोषणा केवल राष्ट्रपति के पास थी, लेकिन अब राज्य सरकारें भी इसे घोषित कर सकती हैं। केंद्र सरकार ने 1997 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें कहा गया था कि राजकीय शवयात्रा के दौरान कोई सार्वजनिक छुट्टी अनिवार्य नहीं है। हालांकि, यदि राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की मृत्यु पद पर रहते हुए होती है, तो सरकारी छुट्टी दी जा सकती है।
राष्ट्रीय शोक के दौरान क्या होता है?
राष्ट्रीय शोक के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है:
– राष्ट्रीय ध्वज: सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहता है।
– सरकारी कार्यक्रम: इस अवधि में कोई भी सरकारी समारोह या उत्सव आयोजित नहीं किया जाता।
– कार्यक्रम रद्द: सभी मनोरंजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया जाता है।
– विशेष कार्य: केवल विशेष कार्यों को ही अनुमति दी जाती है।
मनमोहन सिंह का योगदान
मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्हें आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है और उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण प्रगति की। उनका निधन 92 वर्ष की आयु में हुआ, जिसके बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई।
राजकीय शोक की अवधि
मनमोहन सिंह के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। यह अवधि उन नेताओं के लिए सामान्यतः होती है जिनका जीवनकाल में महत्वपूर्ण योगदान रहा हो। इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी और अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों के निधन पर भी इसी प्रकार का शोक घोषित किया गया था।
राष्ट्रीय शोक केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि एक भावनात्मक प्रक्रिया भी है, जिसमें देश उस व्यक्ति को याद करता है जिसने अपने जीवन में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। मनमोहन सिंह का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा और उनके प्रति यह शोक उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि है।