पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ। उनके जीवन और कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी संपत्ति और जीवनशैली के बारे में जानकारी प्राप्त करना उनके व्यक्तित्व के कई पहलुओं को उजागर करता है।
संपत्ति का विवरण
डॉ. मनमोहन सिंह ने 2013 में अपनी संपत्ति का खुलासा करते हुए बताया था कि उनकी कुल संपत्ति लगभग 10.73 करोड़ रुपये** थी। इस समय उनके पास चंडीगढ़ और दिल्ली में दो रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज थीं, जिनकी कुल वैल्यू 7.27 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, उनके पास 3.46 करोड़ रुपये बैंक डिपॉजिट थे, जो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में जमा थे.
2018 में, जब उन्होंने राज्यसभा के लिए नामांकन किया, तब उनकी संपत्ति की कुल वैल्यू 15 करोड़ 77 लाख रुपये बताई गई थी। इस हलफनामे के अनुसार, उनके पास कोई कर्ज नहीं था और उन्होंने अपनी संपत्ति को सादगी से प्रबंधित किया.
सोने और अन्य संपत्तियों का विवरण
डॉ. मनमोहन सिंह के पास 150.80 ग्राम सोने के गहने भी थे, जिनकी वर्तमान वैल्यू लगभग 11 लाख रुपये है। इसके अलावा, उन्होंने एक पुरानी मारुति 800 कार भी रखी थी, जो उनकी साधारण जीवनशैली का प्रतीक है.
जीवनशैली
डॉ. मनमोहन सिंह एक बेहद सादा जीवन जीते थे। वे हमेशा अपने कार्यों में गंभीर रहे और व्यक्तिगत जीवन में भी उन्होंने कभी तामझाम को महत्व नहीं दिया। उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर और तीन बेटियां थीं, जिनके साथ उन्होंने एक सामान्य पारिवारिक जीवन बिताया.
राजनीतिक करियर
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब में हुआ। उन्होंने अपनी शिक्षा कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर तथा वित्त मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनके कार्यकाल में कई आर्थिक सुधार लागू किए गए.
उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक उदारीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। उनका कार्यकाल कई विवादों से भरा रहा, लेकिन उनकी नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया.
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने पीछे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक विरासत छोड़ी है। उनकी संपत्ति का विवरण यह दर्शाता है कि वे एक साधारण और सादा जीवन जीने वाले व्यक्ति थे। उनके योगदान और विचारधारा आज भी भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र में महत्वपूर्ण माने जाते हैं।