पाकिस्तान की सेना में हिंदू सैनिकों की संख्या एक महत्वपूर्ण विषय है, जो न केवल पाकिस्तान के सामाजिक ढांचे को दर्शाता है, बल्कि वहां के अल्पसंख्यकों की स्थिति को भी उजागर करता है। पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है, जहां की कुल जनसंख्या में से 90 प्रतिशत से अधिक लोग मुस्लिम हैं। इसके बावजूद, पाकिस्तान की सेना में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की उपस्थिति महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तान सेना में हिंदू सैनिकों की संख्या
पाकिस्तान सेना में सक्रिय सैनिकों की कुल संख्या लगभग 6.5 लाख है, जिसमें रिजर्व सैनिकों की संख्या भी शामिल है। हाल ही में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान सेना में हिंदू सैनिकों की संख्या लगभग 200 है। हालांकि, कुछ स्रोतों में यह संख्या 100 भी बताई गई है. यह संख्या तब सामने आई जब 2022 में दो हिंदू अधिकारियों को लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर प्रमोट किया गया था.
भर्ती का इतिहास
पाकिस्तान में हिंदुओं की सेना में भर्ती का इतिहास काफी पुराना नहीं है। 2000 के दशक से पहले, हिंदुओं को सेना में शामिल होने की अनुमति नहीं थी। 2006 में, कैप्टन दानिश पहले हिंदू अधिकारी बने, जो पाकिस्तान सेना में भर्ती हुए थे. इसके बाद से धीरे-धीरे कुछ अन्य हिंदू और सिख सैनिकों को भी भर्ती किया गया।
अल्पसंख्यकों की स्थिति
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं और सिखों की स्थिति हमेशा से चुनौतीपूर्ण रही है। हालांकि उन्हें विभिन्न परीक्षाओं में बैठने की अनुमति है, लेकिन उनके लिए अवसर सीमित हैं। इस्लामिक देश होने के नाते, राष्ट्रपति बनने के लिए मुसलमान होना अनिवार्य है, जिससे अल्पसंख्यकों के लिए राजनीतिक और सामाजिक अवसर काफी सीमित हो जाते हैं.
सिख सैनिकों की संख्या
पाकिस्तान सेना में सिख सैनिकों की संख्या बहुत कम है। वर्तमान में केवल एक सिख सैनिक हरचरण सिंह के रूप में सेवा कर रहा है. यह स्थिति यह दर्शाती है कि पाकिस्तान सेना में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व बेहद सीमित है।
पाकिस्तान सेना में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक सैनिकों की संख्या एक महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा है। यह न केवल पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को दर्शाता है, बल्कि वहां के सामाजिक ताने-बाने को भी उजागर करता है। जबकि पाकिस्तान सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में अल्पसंख्यकों को कुछ अवसर दिए हैं, फिर भी उनकी संख्या अभी भी बहुत कम है।