रतन टाटा, भारतीय उद्योग जगत के एक प्रतिष्ठित नाम, ने अपनी कंपनियों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। हालांकि, उनके कार्यकाल के दौरान कुछ विवाद भी उठे हैं, जिन्होंने उनकी छवि को प्रभावित किया। यहाँ हम रतन टाटा और उनकी कंपनियों से जुड़े चार बड़े विवादों पर चर्चा करेंगे।
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सिंगूर-नैनो विवाद
सिंगूर में नैनो कार प्रोजेक्ट का मुद्दा 2006 में शुरू हुआ जब टाटा ग्रुप को पश्चिम बंगाल की लेफ्ट सरकार ने नैनो कार बनाने का निमंत्रण दिया। हालांकि, भूमि अधिग्रहण को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। ममता बनर्जी ने इस परियोजना के खिलाफ आंदोलन किया, जिसके परिणामस्वरूप 2008 में टाटा मोटर्स को नैनो का उत्पादन गुजरात के सानंद में स्थानांतरित करना पड़ा। इस विवाद ने न केवल टाटा की ड्रीम कार को नुकसान पहुँचाया बल्कि राज्य में निवेश की संभावनाओं पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया.
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साइरस मिस्त्री का विवाद
साइरस मिस्त्री को 2012 में टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान कई समस्याएँ उत्पन्न हुईं। 24 अक्टूबर 2016 को उन्हें बोर्ड से हटा दिया गया, जिससे एक बड़ा विवाद खड़ा हुआ। मिस्त्री ने आरोप लगाया कि कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस का अभाव है और उन्होंने टाटा ग्रुप की कार्यप्रणाली के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा, जिसने टाटा ग्रुप के पक्ष में फैसला सुनाया.
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नुस्ली वाडिया विवाद
बॉम्बे डाइंग के प्रमुख नुस्ली वाडिया और रतन टाटा की दोस्ती कई दशकों पुरानी थी। लेकिन साइरस मिस्त्री के विवाद के चलते उनके रिश्ते में खटास आ गई। जब टाटा संस ने वाडिया को बोर्ड से हटाया, तो उन्होंने मानहानि का मामला दायर किया और 3000 करोड़ रुपये की मांग की। हालांकि, बाद में यह मामला कोर्ट के बाहर सुलझा लिया गया, लेकिन दोनों के बीच संबंध कभी सामान्य नहीं हो सके.
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राडिया टेप विवाद
1997 में राडिया टेप कांड ने भी टाटा ग्रुप को विवादों में डाल दिया। इस मामले में नीरा राडिया और विभिन्न उद्योगपतियों के बीच हुई बातचीत लीक हो गई थी, जिसमें रतन टाटा का नाम भी शामिल था। इसमें आरोप लगाया गया था कि टाटा सरकार से हस्तक्षेप कर रहे थे ताकि असम सरकार की समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस मामले ने टाटा ग्रुप की छवि को प्रभावित किया और इसे लेकर काफी चर्चा हुई.
इन चार विवादों ने रतन टाटा और उनके समूह की छवि पर गहरा प्रभाव डाला है। हालांकि, रतन टाटा की सादगी और विनम्रता हमेशा चर्चा में रही है, लेकिन इन घटनाओं ने उनके करियर को एक अलग मोड़ दिया।