जब हम नई गाड़ी खरीदते हैं या पुराने टायर बदलते हैं, तो अक्सर नए टायरों पर छोटे-छोटे कांटे या नुकीले हिस्से देख सकते हैं। ये कांटे केवल एक सजावट नहीं हैं, बल्कि इनका एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इस लेख में हम जानेंगे कि ये कांटे क्यों होते हैं, इनके निर्माण की प्रक्रिया क्या है, और क्या हमें इन्हें हटाना चाहिए या नहीं।
कांटों का निर्माण और उद्देश्य
नए टायरों पर ये रबर के कांटे, जिन्हें तकनीकी भाषा में “वेंट स्पियूज” (Vent Spews) कहा जाता है, टायर के निर्माण प्रक्रिया का एक हिस्सा होते हैं। जब टायर को बनाने के लिए तरल रबर को सांचे में डाला जाता है, तब गर्मी और दबाव का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में हवा के बुलबुले बनने का खतरा होता है, जो टायर की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।
इन बुलबुलों को बाहर निकालने के लिए, रबर के कुछ हिस्से बाहर निकलते हैं और ठंडा होकर कांटों का आकार ले लेते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि टायर में कोई भी दोष न रह जाए और यह अधिकतम प्रदर्शन दे सके।
क्या ये कांटे हटाने चाहिए?
कई लोग सोचते हैं कि इन कांटों को हटाना आवश्यक है, लेकिन यह सही नहीं है। ये कांटे न तो गाड़ी की परफॉर्मेंस पर असर डालते हैं और न ही माइलेज पर। कुछ समय बाद ये कांटे अपने आप घिसकर गायब हो जाते हैं। इसलिए इन्हें हटाने की कोई आवश्यकता नहीं होती।
इनका लाभ
- गुणवत्ता में सुधार: इन कांटों की वजह से टायर में हवा के बुलबुले बनने की संभावना कम होती है, जिससे टायर की गुणवत्ता बेहतर होती है।
- दबाव संतुलन: जब गाड़ी चलती है, तो टायर पर दबाव बढ़ता है। ये कांटे इस दबाव को संतुलित करने में मदद करते हैं, जिससे टायर अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सके।
- नया दिखने का संकेत: ये कांटे यह दर्शाते हैं कि टायर नया है और इसका अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ है।
गाड़ी के नए टायरों पर छोटे-छोटे कांटे एक आवश्यक निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं। ये न केवल टायर की गुणवत्ता को सुनिश्चित करते हैं बल्कि इसके प्रदर्शन को भी बेहतर बनाते हैं। इसलिए, अगली बार जब आप नए टायर खरीदें और उन पर ये कांटे देखें, तो जान लें कि ये आपके लिए फायदेमंद हैं और इन्हें हटाने की कोई आवश्यकता नहीं है।