अमिताभ बच्चन(Amitabh Bachchan) भारतीय सिनेमा के महानायक, ने अपने जीवन के एक कठिन दौर में 200 सिगरेट प्रतिदिन पीने की बात स्वीकार की है। यह कहानी न केवल उनके संघर्ष को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे उन्होंने इस लत से छुटकारा पाया।
Amitabh Bachchan का धूम्रपान का सफर
कॉलेज के दिनों की कहानी
अमिताभ बच्चन का धूम्रपान का सफर उनके कॉलेज के दिनों में शुरू हुआ। जब वह कोलकाता में पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्होंने सिगरेट पीने की आदत डाल ली। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि उस समय वह दिन में 200 सिगरेट पी जाते थे। यह आदत न केवल उनकी सेहत पर असर डाल रही थी, बल्कि उनके जीवन के अन्य पहलुओं को भी प्रभावित कर रही थी।
जीवनशैली और स्वास्थ्य पर प्रभाव
धूम्रपान के साथ-साथ अमिताभ ने शराब और मांसाहार की भी आदतें अपनाई थीं। उन्होंने कहा कि वह “दारू के नाम पर कुछ भी पी लेते थे” और मांसाहार का भी भरपूर सेवन करते थे। यह जीवनशैली उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रही थी, और उन्हें कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा।
लत से छुटकारा पाने की प्रक्रिया
मुंबई में बदलाव
अमिताभ बच्चन का जीवन तब बदल गया जब वह मुंबई आए। यहाँ आकर उन्होंने अपनी आदतों को छोड़ने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि “मुंबई आने के बाद मैंने छोड़ दी थी” और अब वह पिछले 44 वर्षों से न तो सिगरेट पीते हैं, न शराब का सेवन करते हैं, और न ही मांस खाते हैं।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
अमिताभ ने अपनी सेहत को प्राथमिकता दी और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने योग और व्यायाम को अपने दिनचर्या में शामिल किया, जिससे उनकी सेहत में सुधार हुआ। इसके अलावा, उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया, जो कि लत से छुटकारा पाने में महत्वपूर्ण था।
प्रेरणा और संदेश
अमिताभ बच्चन की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो किसी न किसी लत से जूझ रहे हैं। उनका अनुभव यह दर्शाता है कि यदि व्यक्ति ठान ले तो वह किसी भी बुरी आदत को छोड़ सकता है।
उनकी यात्रा हमें यह सिखाती है कि जीवन में बदलाव संभव है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। अमिताभ बच्चन ने साबित किया है कि आत्म-नियंत्रण और सकारात्मक सोच से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।