भारतीय संसद में 420 नंबर की सीट नहीं होती। यह एक रोचक और कम ज्ञात तथ्य है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
क्या पुरानी संसद में 420 नंबर की सीट थी?
पुरानी संसद में 420 नंबर की सीट नहीं होती थी। जो सीट 420 नंबर पर होती थी, उस पर 420 नंबर नहीं लिखा होता था। बदले में, उस सीट पर 419-A नंबर लिखा होता था और 420 नंबर की सीट के रूप में जानी जाती थी।
420 नंबर की सीट क्यों नहीं रखी जाती?
420 नंबर को भारत में नकारात्मक संकेत माना जाता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 420 में धोखाधड़ी, बेईमानी या किसी की संपत्ति छीनने वाले व्यक्ति के लिए प्रावधान किया गया है[1]। इसलिए इस नंबर को संसद में शामिल नहीं किया जाता।
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क्या नई संसद में भी 420 नंबर की सीट नहीं है?
नई संसद भवन में 420 नंबर की सीट होने या न होने के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, कुछ जानकारों का मानना है कि इस बार भी संसद में 420 नंबर की सीट नहीं होगी[।
क्या कभी किसी सांसद को 420 नंबर की सीट मिली थी?
हां, 15वीं लोकसभा के दौरान एक बार 420 नंबर की सीट किसी सांसद को दी गई थी। असम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के एक सांसद को यह सीट मिली थी। लेकिन उन्होंने इसे अपने प्रति अपमान मानते हुए इसका विरोध किया और स्पीकर से इस सीट को रद्द करने की मांग की थी।
संसद में 420 नंबर की सीट न होने का मुख्य कारण इस नंबर को भारत में नकारात्मक संकेत मानना है। हालांकि, यह एक दिलचस्प तथ्य है कि भारतीय संसद में इस नंबर की सीट नहीं होती। यह जानकारी अधिकांश लोगों के लिए नई होगी।