ट्रकों के पीछे अक्सर “Horn OK Please” लिखा होता है, जो भारतीय सड़कों पर एक आम दृश्य है। यह वाक्यांश न केवल ट्रक चालकों के लिए एक संकेत है, बल्कि इसके पीछे कई दिलचस्प कहानियाँ और थ्योरीज़ भी हैं।
Horn OK Please का अर्थ
इस वाक्यांश का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब भी कोई वाहन चालक ट्रक को ओवरटेक करना चाहता है, तो उसे पहले हॉर्न बजाना चाहिए। ऐसा करने से ट्रक चालक को पता चलता है कि पीछे से कोई वाहन ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा है। इससे ट्रक चालक को अपने चारों ओर की स्थिति का आभास होता है और वह सुरक्षित रूप से साइड दे सकता है.
ऐतिहासिक बेकग्राउंड
द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव
एक थ्योरी के अनुसार, “OK” शब्द की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी। उस समय ट्रक अक्सर केरोसिन से चलते थे, और “On Kerosene” लिखने की जगह इसे संक्षेप में “OK” लिखा जाने लगा। यह एक चेतावनी थी कि ट्रक में ज्वलनशील सामग्री भरी हुई है, इसलिए अन्य वाहनों को दूर रहना चाहिए.
ओवरटेकिंग प्रक्रिया
दूसरी थ्योरी कहती है कि जब कोई वाहन ओवरटेक करना चाहता है, तो उसे पहले हॉर्न बजाना चाहिए। इसके बाद ट्रक चालक साइड देखने के बाद लाइट या इंडिकेटर देकर ओवरटेकिंग की अनुमति देता है। इस प्रक्रिया को “OK” माना गया है.
साइड मिरर की कमी
भारत में कई ट्रकों में साइड मिरर नहीं होते हैं, जिससे ड्राइवरों को पीछे से आ रहे वाहनों का पता नहीं चलता। इसीलिए “Horn OK Please” लिखकर उन्हें संकेत दिया जाता है कि वे हॉर्न बजाएं ताकि ट्रक चालक को जानकारी मिल सके[5].
ध्वनि प्रदूषण और कानूनी पहलू
हाल ही में महाराष्ट्र में “Horn OK Please” लिखने पर प्रतिबंध लगाया गया था, क्योंकि इसे ध्वनि प्रदूषण का कारण माना गया था। सरकार ने इसे रोकने का निर्णय लिया ताकि सड़क पर शांति बनी रहे.
“Horn OK Please” केवल एक वाक्यांश नहीं है; यह भारतीय सड़क परिवहन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। यह न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि इसके पीछे एक समृद्ध इतिहास भी छिपा हुआ है।