कंगना रनौत, जो कि एक प्रमुख बॉलीवुड अभिनेत्री और बीजेपी सांसद हैं, ने गांधी जयंती के अवसर पर एक विवादित ट्वीट किया, जिसने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। उनके इस ट्वीट में महात्मा गांधी को लेकर एक अपमानजनक टिप्पणी की गई, जिससे न केवल उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग उठी है, बल्कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी उनके बयान की कड़ी निंदा की है।
विवाद का आरंभ
कंगना रनौत ने अपने ट्वीट में लिखा, “देश के पिता नहीं, देश के लाल होते हैं।” इस बयान को कई लोगों ने महात्मा गांधी का अपमान मानते हुए आलोचना की। कांग्रेस पार्टी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कंगना को यह समझना चाहिए कि गांधी जी के बिना भारत को आजादी नहीं मिलती। राहुल गांधी ने भी कंगना के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे किसानों का अपमान बताया और बीजेपी से दूरी बनाने की कोशिश की.
कानूनी कार्रवाई की मांग
कंगना के बयान के खिलाफ आगरा में एक अधिवक्ता ने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में याचिका दाखिल की है। अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया कि कंगना ने अपने बयानों से करोड़ों किसानों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि कंगना के बयान से न केवल महात्मा गांधी के अहिंसावादी सिद्धांत का मजाक उड़ाया गया है, बल्कि इससे शहीदों का भी अपमान हुआ है.
राजनीतिक प्रतिक्रिया
कंगना के ट्वीट पर आम आदमी पार्टी (आप) ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पार्टी ने कहा कि कंगना का यह बयान जानबूझकर भड़काऊ है और इससे किसानों में सामाजिक तनाव पैदा हो सकता है। आप के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वे इस मामले में कंगना पर कार्रवाई करें.
कंगना का इतिहास
कंगना रनौत अपने विवादास्पद बयानों के लिए जानी जाती हैं। इससे पहले भी उन्होंने कई बार ऐसे बयानों से विवाद खड़ा किया है। उदाहरण के लिए, उन्होंने एक बार कहा था कि 1947 में आजादी “भीख” में मिली थी, जो कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों का सीधा अपमान था.
कंगना रनौत का यह विवादित ट्वीट न केवल उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में एक नया मोड़ भी ला सकता है। महात्मा गांधी जैसे महान नेता का अपमान करने वाले इस तरह के बयानों से समाज में विभाजन पैदा हो सकता है। अब देखना यह होगा कि अदालत इस मामले में क्या निर्णय लेती है और क्या कंगना को अपनी बातों का जवाब देना पड़ेगा।