ज्यादा मीठा खाने से शुगर (डायबिटीज) होने की धारणा एक सामान्य मिथक है। हालांकि, इस विषय पर कई शोध और विशेषज्ञों की राय हैं जो इसे स्पष्ट करते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या वास्तव में ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज हो सकती है और इससे जुड़ी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं क्या हैं।
मीठे का सेवन और डायबिटीज का संबंध
अधिकतर लोग मानते हैं कि मीठा खाने से डायबिटीज हो जाती है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि डायबिटीज का मुख्य कारण खानपान की खराब आदतें और जीवनशैली होती हैं, न कि केवल चीनी का सेवन. डॉ. अनन्या गुप्ता के अनुसार, “ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज से कोई सीधा कनेक्शन नहीं है”।
टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज
– टाइप 1 डायबिटीज: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता।
– टाइप 2 डायबिटीज: यह अधिकतर जीवनशैली से जुड़ी होती है, जैसे कि अस्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और मोटापा।
हालांकि, अगर कोई व्यक्ति अत्यधिक मीठा खाता है, तो यह उसके वजन को बढ़ा सकता है, जो बाद में टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकता है.
मीठा खाने के अन्य स्वास्थ्य प्रभाव
ज्यादा मीठा खाने के कई अन्य स्वास्थ्य प्रभाव भी होते हैं:
- मोटापा: मीठे खाद्य पदार्थों में उच्च कैलोरी होती हैं, जिससे वजन बढ़ सकता है।
- हाई ब्लड प्रेशर: अधिक चीनी का सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ता है.
- लीवर में फैट: ज्यादा मीठा खाने से लीवर में फैट जमा हो सकता है, जिससे फैटी लीवर की समस्या उत्पन्न होती है.
- त्वचा की समस्याएं: मीठा खाने से मुँहासे और अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं क्योंकि यह शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ा देता है.
- दांतों की समस्याएं: चीनी बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है, जिससे दांतों में कैविटी हो सकती हैं.
सही आहार का महत्व
डायबिटीज से बचने के लिए एक संतुलित आहार बेहद जरूरी है। इसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल होना चाहिए। इसके अलावा, नियमित व्यायाम भी महत्वपूर्ण है।
स्वस्थ विकल्प
यदि आप मीठा खाने की लालसा महसूस करते हैं, तो आप निम्नलिखित विकल्प चुन सकते हैं:
– खजूर: यह प्राकृतिक मिठास प्रदान करता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है[2].
– स्टीविया: यह एक प्राकृतिक स्वीटनर है जो कैलोरी में कम होता है।
इस प्रकार, यह स्पष्ट होता है कि ज्यादा मीठा खाना सीधे तौर पर डायबिटीज का कारण नहीं बनता। लेकिन यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसलिए, संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।