बिश्नोई समाज ने हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान का पुतला फूंका है। यह घटना उस समय हुई जब समुदाय ने सलमान खान से सार्वजनिक माफी की मांग की, जो कि 1998 में काले हिरणों के शिकार के मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए है। बिश्नोई समाज के अनुसार, काले हिरण उनके लिए पवित्र हैं और इस मामले को लेकर उनका गहरा आक्रोश है।
बिश्नोई समाज का माफी का नियम
बिश्नोई समाज के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति उनके समुदाय को ठेस पहुँचाता है, तो उन्हें माफी मांगने के लिए विशेष नियमों का पालन करना होता है। इस प्रक्रिया के तहत, व्यक्ति को राजस्थान के बीकानेर स्थित मुक्तिधाम मुकाम पर जाकर माफी मांगनी होती है। यहाँ, उन्हें अपने अपराध को स्वीकार करते हुए समुदाय से माफी मांगनी होती है।
समुदाय का दृष्टिकोण
बिश्नोई समाज के सचिव हनुमान राम बिश्नोई ने कहा कि “सलमान खान ने प्रकृति से दो सुंदर जीवन लिए हैं। जब कोई अपराध करता है, तो उसे पछतावा होना चाहिए और माफी मांगने की वास्तविक इच्छा होनी चाहिए” ।
सलमान खान की स्थिति
सलमान खान ने इस मामले में अपनी बेगुनाही का दावा किया है और उन्होंने अभी तक माफी नहीं मांगी है। उनके पिता, सलीम खान, ने भी कहा है कि सलमान को माफी नहीं मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया।
खतरे की घंटी
हाल ही में, किसान नेता राकेश टिकैत ने सलमान खान को सलाह दी कि उन्हें बिश्नोई समुदाय से माफी मांगनी चाहिए ताकि विवाद समाप्त हो सके। टिकैत ने चेतावनी दी कि अगर सलमान खान ऐसा नहीं करते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
हालात की गंभीरता
इस विवाद की जड़ें 1998 में वापस जाती हैं जब सलमान खान पर आरोप लगा था कि उन्होंने फिल्म “हम साथ साथ हैं” की शूटिंग के दौरान काले हिरणों का शिकार किया था। इस घटना के बाद से, बिश्नोई समुदाय ने सलमान खान के खिलाफ आवाज उठाई है और उनके प्रति आक्रोश व्यक्त किया है।
कानूनी जटिलताएँ
सलमान खान की कानूनी स्थिति भी इस मामले को जटिल बनाती है। उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे मामले में अपील की हुई है और अदालत में उनकी बेगुनाही का मामला अभी भी विचाराधीन है।
बिश्नोई समाज द्वारा सलमान खान का पुतला जलाना एक गंभीर संकेत है कि समुदाय उनके प्रति अपनी भावनाओं को लेकर कितने संवेदनशील हैं। यदि सलमान खान इस विवाद को समाप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें बिश्नोई समुदाय से माफी मांगने पर गंभीरता से विचार करना होगा।