बागेश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को हाल ही में एक सिख कट्टरपंथी नेता द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई है। यह धमकी पंजाब के नेता बरजिंदर परवाना ने एक सार्वजनिक मंच पर दी, जिसमें उन्होंने कहा, “हमने इंदिरा को नहीं छोड़ा, अब तेरी बारी, उल्टी गिनती शुरू…” इस बयान ने न केवल धार्मिक समुदायों के बीच तनाव बढ़ा दिया है, बल्कि इसे एक गंभीर सुरक्षा खतरे के रूप में भी देखा जा रहा है।
धमकी का संदर्भ
यह विवाद तब शुरू हुआ जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मुरादाबाद में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने हरिहर मंदिर में रुद्राभिषेक की बात की थी। हालांकि, कट्टरपंथी नेता बरजिंदर परवाना ने इस बयान को गलत तरीके से समझा और इसे अमृतसर के गोल्डन टेम्पल से जोड़ा। उन्होंने कहा कि बागेश्वर बाबा को अमृतसर आने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और इसके बाद कई धार्मिक संगठनों ने इस पर विरोध जताया है।
बरजिंदर परवाना का बयान
बरजिंदर परवाना ने मंच से कहा, “बाबा नोट कर ले, आज से तेरी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। तुझे भी मार डालेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि बागेश्वर बाबा हरमंदिर साहिब आने की हिम्मत करते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा। इस प्रकार के भड़काऊ बयानों ने धार्मिक तनाव को बढ़ाने का काम किया है।
प्रतिक्रिया और विरोध
बागेश्वर बाबा को मिली इस धमकी के बाद विभिन्न संगठनों ने बरजिंदर परवाना के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। शिवसेना पंजाब के नेताओं ने SSP खन्ना से मुलाकात कर इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। एंटी टेररिस्ट फ्रंट इंडिया और विश्व हिंदू तख्त के प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने भी 48 घंटे के भीतर बरजिंदर परवाना की गिरफ्तारी की मांग की है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।
धार्मिक तनाव का बढ़ता माहौल
यह घटना भारत में धार्मिक तनाव को एक बार फिर उजागर करती है। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच विवाद और हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं। बागेश्वर बाबा का मामला भी इसी श्रृंखला का एक हिस्सा है। उनके अनुयायी और समर्थक इस धमकी को गंभीरता से ले रहे हैं और इसे उनके धार्मिक अधिकारों पर हमला मानते हैं।
बागेश्वर बाबा को मिली यह धमकी न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह पूरे समाज में धार्मिक सहिष्णुता और संवाद की आवश्यकता को भी दर्शाती है। ऐसे समय में जब विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच संवाद और समझदारी की आवश्यकता है, इस प्रकार के भड़काऊ बयानों से स्थिति और बिगड़ सकती है। सभी पक्षों को चाहिए कि वे संयम बनाए रखें और किसी भी प्रकार की हिंसा या धमकी से बचें।