रतन टाटा की अंतिम यात्रा में पुलिस ने शांतनु नायडू को रोका। यह घटना एक वायरल वीडियो के माध्यम से सामने आई, जिसमें शांतनु नायडू, जो रतन टाटा के करीबी सहयोगी और टाटा ट्रस्ट के डिप्टी जनरल मैनेजर हैं, अपनी बाइक पर अंतिम यात्रा के काफिले का नेतृत्व करते हुए दिखाई दिए। इस घटना ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा पैदा की है।
घटना का विवरण
शांतनु नायडू ने रतन टाटा की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए अपनी येज़दी मोटरसाइकिल पर सवार होकर काफिले का नेतृत्व किया। वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन शांतनु ने उन्हें समझाया कि उनकी बाइक काफिले की पायलट गाड़ी है। पुलिस के साथ उनकी बातचीत के बाद, उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति मिल गई।
शांतनु नायडू और रतन टाटा की दोस्ती
शांतनु नायडू और रतन टाटा के बीच की दोस्ती गहरी और अनूठी थी। दोनों का संबंध कुत्तों के प्रति प्यार से शुरू हुआ था। शांतनु ने 2015 में “मोटो पॉज़” नामक एक संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य सड़क पर घूमने वाले कुत्तों के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाना था। उन्होंने इस पहल के लिए रतन टाटा से मदद मांगी, और टाटा ने न केवल उनकी मदद की, बल्कि उन्हें टाटा समूह में काम करने का भी प्रस्ताव दिया।
पुलिस द्वारा रोकने का कारण
पुलिस द्वारा शांतनु को रोकने का मुख्य कारण यह था कि वे काफिले का हिस्सा थे, और सुरक्षा कारणों से पुलिस को यह सुनिश्चित करना था कि सभी वाहन सही तरीके से चल रहे हैं। हालांकि, जैसे ही उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट की, उन्हें आगे बढ़ने दिया गया।
जब #RatanTataSir के बेहद करीबी शांतनु नायडू को मुंबई पुलिस के सामने अपना परिचय देना पड़ा..#ShantanuNaidu #RatanTataPassedAway pic.twitter.com/FoEWL1tHU8
— Vivek Gupta (@imvivekgupta) October 10, 2024
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। कई लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कैसे एक युवा व्यक्ति अपने मित्र और गुरु के प्रति सम्मान दिखा रहा है। शोक संतप्त शांतनु ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि “ग़म प्यार की कीमत है” और उन्होंने रतन टाटा को अपना “प्रिय लाइटहाउस” कहा।
रतन टाटा की अंतिम यात्रा में शांतनु नायडू का शामिल होना और पुलिस द्वारा रोके जाने की घटना इस बात को दर्शाती है कि कैसे व्यक्तिगत संबंध और सम्मान हमारे जीवन में महत्वपूर्ण होते हैं। यह घटना केवल एक व्यक्ति के शोक का नहीं, बल्कि एक गहरी दोस्ती और सम्मान का प्रतीक है।