शारदीय नवरात्रि 2024(Shardiya Navratri 2024 ) का पर्व इस वर्ष 9 अक्टूबर को मां कालरात्रि की पूजा के साथ अपने सातवें दिन में प्रवेश करेगा। मां कालरात्रि, दुर्गा के सातवें स्वरूप के रूप में जानी जाती हैं और इन्हें अंधकार और भय का नाशक माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां कालरात्रि की पूजा विधि, भोग और मंत्रों का महत्व अत्यधिक होता है।
मां कालरात्रि की पूजा विधि
शारदीय नवरात्रि के सप्तमी पर मां कालरात्रि की पूजा विधिपूर्वक करने से भक्तों को अनेक लाभ मिलते हैं। पूजा की प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- स्नान और शुद्धता: सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल की तैयारी: एक चौकी पर मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- दीप जलाना: मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
- भोग अर्पित करना: गुड़ का भोग लगाएं, जिसमें गुड़ का हलवा, गुड़ की खीर और मालपुआ शामिल करें। ये चीजें मां को प्रिय मानी जाती हैं.
- मंत्र जाप: पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
– “ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।”
– “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे।” (108 बार)
- आरती: पूजा के अंत में मां कालरात्रि की आरती करें।
मां कालरात्रि के प्रिय भोग (Shardiya Navratri 2024)
मां कालरात्रि को गुड़ से बनी चीजें अत्यधिक प्रिय हैं। इन चीजों का भोग लगाने से मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं:
– गुड़ का हलवा
– गुड़ की खीर
– मालपुआ
– फल, दूध, दही और मिठाई
इन चीजों को अर्पित करने से मां के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति आती है.
मां कालरात्रि का महत्व
मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्तों को कई लाभ मिलते हैं:
- दुश्मनों का नाश: यह माना जाता है कि मां कालरात्रि अपने भक्तों के दुश्मनों को नष्ट करती हैं।
- भय से मुक्ति: जो व्यक्ति मां की सच्चे मन से पूजा करता है, उसे सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
- सफलता: मां का आशीर्वाद प्राप्त करने वाले भक्त हमेशा सुखी और समृद्ध रहते हैं.
विशेष उपाय
यदि आप चाहते हैं कि आपकी किस्मत जाग जाए, तो इस दिन काले या नीले रंग के वस्त्र पहनें और रात में पूजा करें। इसके बाद 108 लौंग चढ़ाते हुए नवार्ण मंत्र पढ़ें। यह उपाय आपके विरोधियों को शांत करेगा और आपको सफलता दिलाएगा.
इस प्रकार, शारदीय नवरात्रि के सप्तमी पर मां कालरात्रि की पूजा करना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का भी एक साधन है।