हवाई जहाज की खिड़कियों में छोटा सा छेद होना यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। इस छेद को ब्लीड होल कहा जाता है और यह बाहरी कांच और अंदरूनी कांच के बीच में बना होता है। इस छेद का मुख्य काम हवा के दबाव को कंट्रोल करना है जो प्लेन के अंदर और बाहर होता है।
हवाई जहाज में एयर प्रेशर कैसे काम करता है?
हवाई जहाज जब हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरता है, तो बाहर का एयर प्रेशर काफी कम हो जाता है। लेकिन प्लेन के अंदर का एयर प्रेशर नॉर्मल रखा जाता है ताकि यात्रियों को सांस लेने में परेशानी न हो। अगर प्लेन की खिड़की में ब्लीड होल न होता, तो बाहरी कांच पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता और यह तुरंत ही टूट जाता।
ब्लीड होल की भूमिका
ब्लीड होल का काम बाहरी कांच और अंदरूनी कांच के बीच का एयर प्रेशर बैलेंस करना है। अगर किसी वजह से बाहरी कांच टूट भी जाता है, तो अचानक से प्लेन के अंदर का दबाव न बदले। इस छेद के जरिए हल्की हवा और नमी बाहर निकलती रहती है जिससे खिड़की पर कोई दबाव न पड़े।
सुरक्षा के लिहाज से अहम
हवाई जहाज की खिड़की में बना यह छोटा सा छेद यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। अगर किसी कारण से प्लेन की खिड़की टूट जाए, तो इस छेद की वजह से अचानक से प्लेन के अंदर का दबाव न बदले और यात्रियों को सांस लेने में परेशानी न हो। पायलट को भी तुरंत ही इस बारे में पता चल जाता है और वह जल्द ही कार्रवाई कर सकते हैं।
इस प्रकार, हवाई जहाज की खिड़की में बना यह छोटा सा छेद प्लेन के अंदर और बाहर के एयर प्रेशर को बैलेंस करके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। अगर यह छेद न होता, तो प्लेन की खिड़की टूटने का खतरा काफी ज्यादा होता.