हनुमान जी और अंगद की कथा रामायण में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। जब भगवान राम ने माता सीता को बचाने के लिए लंका पर आक्रमण करने का निश्चय किया, तब उन्होंने अपने वानर सेना के साथ मिलकर योजना बनाई। इस संदर्भ में एक प्रश्न उठता है: अंगद, जो स्वयं समुद्र को लांघने में सक्षम थे, फिर हनुमान को ही लंका क्यों भेजा गया?
अंगद की क्षमता और हनुमान का चयन
अंगद की शक्ति: अंगद, बलशाली वानर थे और उन्हें समुद्र लांघने की क्षमता प्राप्त थी। हालांकि, उनकी भूमिका मुख्यतः युद्ध में थी। वे राम के प्रति अपनी निष्ठा और बलिदान के लिए प्रसिद्ध थे, लेकिन उन्हें लंका भेजने का निर्णय नहीं लिया गया।
हनुमान का विशेष स्थान: हनुमान जी को भगवान राम का सबसे प्रिय भक्त माना जाता है। उनकी बुद्धिमत्ता, साहस और समर्पण अद्वितीय थे। हनुमान जी ने न केवल लंका पहुंचकर माता सीता से भेंट की, बल्कि उन्होंने रावण के दरबार में जाकर उसे चेतावनी भी दी। यह कार्य केवल शक्ति से नहीं, बल्कि चतुराई से किया गया था। हनुमान जी ने रावण को समझाया कि उसे माता सीता को लौटाना चाहिए, अन्यथा परिणाम भयानक होंगे।
हनुमान जी की भूमिका
माता सीता की खोज: हनुमान जी ने जब लंका में प्रवेश किया, तो सबसे पहले उन्होंने माता सीता की खोज की। उनकी बुद्धिमत्ता और चतुराई ने उन्हें इस कार्य में सफल बनाया। उन्होंने माता सीता को अशोक वाटिका में पाया और उन्हें भगवान राम का संदेश दिया।
लंका दहन: जब रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगाई, तो उन्होंने अपनी आग लगी पूंछ से लंका में आग लगा दी। यह घटना न केवल एक शक्ति प्रदर्शन था, बल्कि यह रावण के अहंकार को भी चूर-चूर करने वाली थी।
अंगद का महत्व
युद्ध में योगदान: जबकि हनुमान जी ने सूचनाएं इकट्ठा करने और माता सीता को बचाने का कार्य किया, अंगद का प्रमुख कार्य युद्ध में शामिल होना था। युद्ध के समय उनकी उपस्थिति आवश्यक थी ताकि वे राम सेना का मनोबल बढ़ा सकें।
संदेशवाहक: हनुमान जी को संदेशवाहक के रूप में भेजने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि वे न केवल बलशाली थे, बल्कि उनके पास संवाद करने की क्षमता भी थी। वे रावण से सीधे बात कर सकते थे और उसकी योजनाओं को समझ सकते थे।
इस प्रकार, यह स्पष्ट होता है कि अंगद और हनुमान दोनों की भूमिकाएं अलग थीं। जहां अंगद युद्ध के मैदान में आवश्यक थे, वहीं हनुमान जी की विशेषताओं ने उन्हें लंका भेजने के लिए आदर्श बना दिया। उनकी बुद्धिमत्ता, साहस और समर्पण ने उन्हें इस महत्वपूर्ण मिशन के लिए चुना गया। इस प्रकार, रामायण की यह कथा हमें सिखाती है कि हर व्यक्ति की अपनी विशेषताएँ होती हैं और हर कार्य के लिए सही व्यक्ति का चयन करना आवश्यक होता है।