तेजस्वी यादव ने हाल ही में भारत के पाकिस्तान जाने के मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है, जो कि 2025 में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से संबंधित है। उन्होंने कहा कि खेलों में राजनीति का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और भारत को इस टूर्नामेंट में भाग लेना चाहिए। उनका यह बयान तब आया है जब भारत ने सुरक्षा चिंताओं के कारण पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया है।
तेजस्वी यादव का बयान
तेजस्वी यादव, जो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता हैं, ने कहा, “अगर प्रधानमंत्री वहां बिरयानी खाने जा सकते हैं, तो भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान जाने में क्या दिक्कत है?” उन्होंने यह भी कहा कि “खेल को खेल के रूप में देखा जाना चाहिए।” उनका मानना है कि सभी देशों को ओलंपिक जैसे आयोजनों में भाग लेना चाहिए, इसलिए भारत को भी पाकिस्तान जाकर खेलना चाहिए।
यादव ने यह सवाल उठाया कि “क्या आपत्ति है?” और यह भी कहा कि “अगर भारतीय टीम यात्रा करती है, तो यह अच्छा होगा।” उनका यह बयान उस समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, जिससे क्रिकेट संबंधों पर भी असर पड़ रहा है।
चैंपियंस ट्रॉफी का संदर्भ
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन 19 फरवरी से 9 मार्च तक पाकिस्तान में होना है। हालांकि, भारत की ओर से इस टूर्नामेंट में भाग लेने से इनकार करने के कारण क्रिकेट बोर्डों के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के बीच इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है.
हाल ही में श्रीलंका की ए टीम ने इस्लामाबाद में बढ़ते अस्थिरता के कारण पाकिस्तान दौरा बीच में ही छोड़ दिया था, जिससे अन्य क्रिकेटिंग देशों की सुरक्षा चिंताएँ और बढ़ गई हैं। PCB के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने कहा कि “हमारा रुख स्पष्ट है… अगर हम भारत में खेलते हैं, तो उन्हें यहां खेलना चाहिए।” उन्होंने ICC से स्पष्टता की मांग की है कि भारत की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाए.
राजनीतिक और खेल संबंध
तेजस्वी यादव का बयान इस बात का संकेत देता है कि खेलों को राजनीति से अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि “खेल को राजनीति में नहीं लाना चाहिए,” जो एक महत्वपूर्ण विचारधारा है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण रहे हैं, विशेषकर 2008 मुंबई हमलों के बाद से जब से भारत ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया।
तेजस्वी यादव का यह बयान एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म देता है कि क्या खेलों को राजनीतिक विवादों से प्रभावित होना चाहिए या नहीं। उनकी राय यह दर्शाती है कि यदि खेलों को एक सकारात्मक तरीके से देखा जाए, तो इससे दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हो सकते हैं। हालांकि, सुरक्षा चिंताओं और राजनीतिक तनावों को देखते हुए यह देखना होगा कि भारतीय क्रिकेट टीम चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने का निर्णय कब और कैसे लेगी।