वृंदावन, भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि, एक ऐसा स्थान है जहाँ भक्तजन अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ यात्रा करते हैं। इस यात्रा के दौरान कुछ विशेष बातें ध्यान में रखनी चाहिए, जिनमें से एक यह है कि वृंदावन से कुछ चीजें घर नहीं लानी चाहिए। प्रेमानंद महाराज जी ने इस विषय पर विशेष रूप से चर्चा की है और उन्होंने बताया है कि भक्तों को गिरिराज पर्वत की मूर्ति या पत्थर को अपने घर नहीं लाना चाहिए।
गिरिराज पर्वत का महत्व
गिरिराज पर्वत को भगवान श्री कृष्ण का प्रिय पर्वत माना जाता है। इसे वृंदावन का मुकुट कहा जाता है और यह राधा रानी के बिना अधूरा है। गर्ग संहिता में उल्लेखित है कि गिरिराज पर्वत सभी तीर्थों में सर्वोच्च है और इसकी यात्रा करने से अनेकों पुण्य प्राप्त होते हैं। भक्तों का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति गिरिराज पर्वत को अपने घर ले जाता है, तो यह उसके लिए अनिष्ट का कारण बन सकता है.
क्यों नहीं लानी चाहिए गिरिराज की मूर्ति या पत्थर?
प्रेमानंद महाराज जी के अनुसार, गिरिराज पर्वत की मूर्ति या पत्थर को घर लाने से न केवल धार्मिक दृष्टि से गलत माना जाता है, बल्कि इससे व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयाँ भी आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि गिरिराज को अपने घर ले जाने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति नहीं होती, बल्कि यह व्यक्ति के लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
धार्मिक मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी से कहा था कि उन्हें एक ऐसा स्थान चाहिए जहाँ वे शांति से रह सकें। इसीलिए गिरिराज पर्वत का निर्माण हुआ। यदि कोई भक्त इसे अपने घर लाता है, तो यह राधा रानी और श्री कृष्ण के संबंधों में बाधा उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे गिरिराज की पूजा गाय के गोबर से बने गोवर्धन की मूर्ति बनाकर करें.
अन्य चीजें जो नहीं लानी चाहिए
वृंदावन से कुछ अन्य चीजें भी हैं जिन्हें घर नहीं लाना चाहिए:
– गाय का गोबर: इसे भी घर नहीं लाना चाहिए क्योंकि यह धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है।
– गंदे पानी या मिट्टी: जो भी वस्तुएं धार्मिक स्थलों पर अपमानजनक मानी जाती हैं, उन्हें घर नहीं लाना चाहिए।
वृंदावन की यात्रा एक अद्भुत अनुभव होती है, लेकिन इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। प्रेमानंद महाराज जी द्वारा दिए गए उपदेशों के अनुसार, गिरिराज पर्वत की मूर्ति या पत्थर को घर नहीं लाना चाहिए ताकि भक्तों का जीवन सुखमय और समृद्ध हो सके।
इस प्रकार, वृंदावन यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें भक्तों को सही मार्गदर्शन प्रदान करती हैं और उन्हें अनिष्ट से बचाती हैं।