पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवधि है जो हिंदू धर्म में पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाई जाती है। यह अवधि हर साल आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है और अमावस्या तक चलती है। इस वर्ष, पितृ पक्ष 17 सितंबर 2024 से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2024 तक रहेगा। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों को तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करके उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं.
पितृ पक्ष का महत्व
पितृ पक्ष का महत्व भारतीय संस्कृति में गहरा है। इसे अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक अवसर माना जाता है। इस दौरान किए गए श्राद्ध कर्म से न केवल परिवार को सुख-समृद्धि मिलती है, बल्कि यह भी माना जाता है कि इससे पितृ दोष समाप्त होता है और वंश वृद्धि होती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पितृ पक्ष में किए गए कार्यों का प्रभाव सात पीढ़ियों तक देखा जा सकता है।
पितृ पक्ष में शारीरिक संबंध
पितृ पक्ष के दौरान शारीरिक संबंध बनाने के विषय में धार्मिक ग्रंथों में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। कई शास्त्रों में कहा गया है कि इस अवधि में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। इसका मुख्य कारण यह है कि इस समय इंद्रियों पर संयम रखना आवश्यक होता है। इसे ध्यान में रखते हुए, इस अवधि में शारीरिक संबंध बनाने से बचने की सलाह दी जाती है.
धार्मिक दृष्टिकोण
धर्मशास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान संयम रखने से न केवल व्यक्तिगत जीवन में शांति बनी रहती है, बल्कि यह भी माना जाता है कि इस समय गर्भधारण करने से संतान को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, इस समय इंद्रियों पर नियंत्रण रखना और संयम बरतना बेहतर होता है.
सामाजिक मान्यता
सामाजिक दृष्टिकोण से भी, पितृ पक्ष को एक गंभीर और श्रद्धापूर्ण समय माना जाता है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की याद में विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और अपने आचरण में बदलाव लाते हैं। नए कार्यों की शुरुआत करना वर्जित होता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह समय आत्म-नियंत्रण और श्रद्धा का होता है.
इस प्रकार, पितृ पक्ष एक ऐसा समय है जब व्यक्ति को अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर मिलता है। इस अवधि में शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से अनुशासित रहने का संकेत देता है, बल्कि यह परिवार और संतान के लिए भी शुभ माना जाता है।