जया बच्चन, भारतीय सिनेमा की एक प्रमुख हस्ती और अनुभवी अभिनेत्री, ने हाल ही में अपने परिवार के नियमों और अपने बच्चों की परवरिश के बारे में खुलकर बात की। उनके इस खुलासे ने न केवल उनके परिवार की आंतरिक गतिशीलता को उजागर किया, बल्कि यह भी बताया कि कैसे वह अपने बेटे अभिषेक बच्चन और बहु ऐश्वर्या राय बच्चन के प्रति अपनी भूमिका को समझती हैं।
जया बच्चन का सख्त पालन-पोषण
जया बच्चन ने एक साक्षात्कार में स्पष्ट रूप से कहा कि वह अपने बच्चों, अभिषेक और उनकी बेटी श्वेता के प्रति बहुत सख्त थीं। उन्होंने कहा, “मैं बहुत सख्त माँ हूँ”। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी बहु ऐश्वर्या राय के साथ भी सख्त हैं, तो उन्होंने उत्तर दिया, “वह मेरी बेटी नहीं है, वह मेरी बहु है। मुझे उसके लिए सख्त होने की जरूरत नहीं है। मुझे यकीन है कि उसकी माँ ने उसके लिए यह सब किया होगा”।
इस बयान ने यह स्पष्ट किया कि जया बच्चन अपने बच्चों और बहु के बीच के रिश्ते में अंतर को समझती हैं। उन्होंने कहा कि एक बेटी और बहु में अंतर होता है, और इस संबंध में पारिवारिक अपेक्षाएँ भिन्न होती हैं। “एक बेटी अपने माता-पिता को लेकर कभी-कभी लापरवाह हो सकती है, जबकि बहु को अपने ससुराल वालों का सम्मान करना होता है”।
परिवार में रिश्तों का महत्व
जया बच्चन का मानना है कि पारिवारिक रिश्ते समय के साथ बदलते हैं। उन्होंने कहा, “बाद में चीजें बदल जाती हैं – क्योंकि आज मैं खुद को भदुरी से ज्यादा बच्चन महसूस करती हूँ”। यह बयान उनके परिवार में उनकी भूमिका और पहचान को दर्शाता है। जया ने यह भी बताया कि कैसे अमिताभ बच्चन ने ऐश्वर्या को हमेशा अपनी बेटी की तरह माना है, जिससे पारिवारिक संबंधों में गर्मजोशी बनी रहती है।
अभिषेक का दृष्टिकोण
अभिषेक बच्चन ने अपनी माँ के पालन-पोषण के तरीके पर एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जया बच्चन सचमुच सख्त नहीं हैं, जैसा कि आम धारणा है। इस प्रकार, माँ और बेटे के बीच इस विषय पर एक दिलचस्प संवाद स्थापित होता है, जो दर्शाता है कि वे अपनी पारिवारिक गतिशीलता को कैसे देखते हैं।
जया बच्चन की बातें न केवल उनके व्यक्तिगत अनुभवों को दर्शाती हैं बल्कि यह भी दिखाती हैं कि कैसे परिवार के भीतर विभिन्न भूमिकाएँ निभाई जाती हैं। उनके विचारों से यह स्पष्ट होता है कि वे पारिवारिक संबंधों को कितना महत्व देती हैं और कैसे वे अपनी जिम्मेदारियों को समझती हैं। इस प्रकार, जया बच्चन का ये विचार हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हर परिवार में रिश्तों की अपनी एक विशेषता होती है।